3 सच्ची भूत की कहानी । Real Horror Story

3  सच्ची भूत की कहानी । Real Horror Story


भूत की कहानी - 1 

** भूतिया गांव **

एक अजीब गाँव में एक बूढ़ा गरीब आदमी अपने बेटे के साथ रहता था। गाँव के लोग उन्हें भूत-प्रेत का आश्रय मानते थे क्योंकि उनके घर के पास एक पुराना चुन्नी था जो अजीब दिखने के साथ-साथ भयंकर आवाज़ें भी करती थी। लोग उसे भूतों के घर के रूप में जानते थे और वहाँ कभी भी नहीं जाते थे।


गरीब बूढ़ा और उसका बेटा इस चुन्नी के घर में रहते थे, लेकिन उन्होंने कभी इसे भूतों के घर के रूप में नहीं माना। वे बस उसे अपने घर की यादगार बताते थे और उसकी सुनी आवाजों को अपनी आवाज़ मानते थे।


एक दिन, बूढ़े ने अपने बेटे को कहा, "बेटे, आज रात कुछ खास अद्भुत घटना होने वाली है।"


उसके बेटे ने आश्चर्य से पूछा, "क्या हुआ, बाबा?"


"अज्ञात आवाज़ों की कहानी है, बेटे। तुम्हें भूतों की बातें नहीं पसंद हैं, ना?"


"बाबा नहीं  मैं तो ऐसे पुरानी कहानियों में बिलकुल भी विश्वास नहीं रखता ।"


"ये सब तो ठीक है, लेकिन तुम्हें यहाँ आज  कैसे भी आना ही पड़ेगा, बेटे।"


रात के बदलते समय में, बूढ़ा और उसका बेटा चुन्नी के घर के पास बैठे हुए थे। एक अजीब सी आवाज़ आने लगी। उन्होंने वहाँ जाकर देखा कि चुन्नी के घर में एक अजीब आलिंगन हो रही है। चुन्नी की आवाज़ों में अब और भी कुछ था।


बूढ़ा और उसका बेटा चुन्नी के घर में पहुंचे और वहाँ उन्हें एक अजीब महसूस होने लगा। उन्होंने देखा कि चुन्नी की आवाज़ों से बाहर बाहर सभी गाँववाले चले आ रहे थे।


"क्या हो रहा है, बाबा?" उसके बेटे ने पूछा।


"यह वह अजीब घटना है, बेटे," बूढ़ा ने कहा। "यह चुन्नी नहीं, भूत है।"


"भूत?" उसके बेटे ने चिल्लाया।


"बेटे, तुम सही सोच रहे  यह गाँव का सबसे डरावना भूत है। लेकिन एक बात सही है ये भूत गाँव वालो  के लिए संबंधित है, ना की हमारे लिए ।

 इसे तुम्हें भी समझना चाहिए।"


बूढ़ा और उसका बेटा चुन्नी की आवाज़ों को सुनते रहे और उन्हें समझने का प्रयास करते रहे। धीरे-धीरे, वे यह जानने लगे कि चुन्नी अपने घर की आवाज़ों से भूतों की दुनिया की बातें कर रही थी। वह उन्हें अपने घर की यादें दिखा रही थी जिनमें उन्होंने बचपन बिताया था।


बूढ़े और उसके बेटे ने समझा कि चुन्नी ने उन्हें अपने घर की यादें दिखाकर अपनी भूतिया सच्चाई साझा की थी। यह घटना उनके लिए अद्भुत और आश्चर्यजनक थी। वे समझ गए कि भूतों का डर उन्हें सही राह दिखाने के लिए नहीं, बल्कि उनकी दुनिया को समझने के लिए होता है। उनका डर का परदा उतर गया और वे चुन्नी के घर के रूप में अपने घर की यादों का मजा लेने लगे।


इस तरह, चुन्नी के घर में भूतों के दरबार से नहीं, बल्कि अपने घर की यादों का आवाज़ सुनकर उन्होंने भूतों की दुनिया को समझा। यह उनकी अद्भुत यात्रा थी जो उन्हें नई दिशा में ले गई।


भूत की कहानी - 2

**भूतिया वास्तविकता**


गाँव के पास एक पुराना हवेली था। वहाँ का माहौल बड़ा डरावना और अजीब था। लोग कहते थे कि उस हवेली में एक भूत बसता है, जो रात में अपनी भूतिया आवाज़ें सुनाता है। कोई भी उस जगह के पास नहीं जाता था, और गाँव के बच्चे भी दिनभर वहाँ से दूर रहते थे।

एक दिन, गाँव का एक बच्चा नामरहित उस हवेली के पास जा रहा था। उसने कभी भी उस हवेली के अंदर की दुनिया को नहीं देखा था, और वह उत्सुक था उसे उसे खोजने के लिए। वह अकेला था, और रात के अंधेरे में उसे थोड़ा डर भी था। लेकिन उसकी उत्सुकता उसे आगे बढ़ने के लिए मजबूत कर रही थी।

जब वह हवेली के पास पहुंचा, तो उसने देखा कि वहाँ एक अजीब सी आवाज़ आ रही है। वह बिल्कुल भी भूतिया नहीं थी, लेकिन उसने सोचा कि लोगों की कहानियों में जो भूतिया आवाज़ें सुनाई जाती हैं, वह यही हो सकती हैं।

उसने धीरे-धीरे हवेली के अंदर की ओर बढ़ना शुरू किया। जब वह अंदर जा रहा था, तो वह ने देखा कि हवेली का माहौल अजीब और डरावना था। उसने अपनी रूह को सामान्य रखने का प्रयास किया, लेकिन उसका डर उसे दबा रहा था।

एक बार जब उसने हवेली के भूतिया कमरे में पहुंचा, तो उसने देखा कि वहाँ कोई नहीं था। वह दिवारों पर लटकी फोटोग्राफियों को देखता रहा, और उसका ध्यान एक पुराने चित्र पर गया।

चित्र में एक बड़ी कुर्सी पर एक बड़ी सी महिला बैठी हुई थी। उसके पास एक छोटा सा बच्चा भी था। वह दोनों मुस्कान में थे, और उनकी आँखों में आजीवन खुशी दिखाई दी।

नामरहित ने सोचा कि वह भूत नहीं है, लेकिन कोई भी उसे कुछ बता नहीं सकता था। वह ने उस चित्र को और ध्यान से देखा, और तभी उसे ध्यान आया कि उस महिला की आँखें कुछ अजीब सी थीं। उनमें कुछ न

रमी और दुख भी था, जैसे कि उन्हें कोई गहरी चोट लग गई हो।

वह चित्र को और ध्यान से देखता रहा, और तभी वह ने देखा कि चित्र के पीछे कुछ लिखा हुआ है। वह ध्यान से पढ़ा, "मैं और मेरा बेटा, हमेशा खुश रहो।"

यह पढ़ते ही, उसने विचलित होकर चित्र को और ध्यान से देखना शुरू किया। तभी उसे एक अजीब सी आवाज़ सुनाई दी।

"कौन है?"

वह बड़ी महिला ने बात की, और उसका ध्यान उसे काँपने लगा।

"मैं नामरहित हूँ," उसने धीरे से कहा, "मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। मैं सिर्फ यहाँ आया हूँ तुम्हें और तुम्हारे बेटे को धन्यवाद कहने के लिए।"

महिला की आँखों में अब और भी नरमी आयी। उसने अपने बच्चे के साथ उसे देखा और मुस्कुराया।

"धन्यवाद," महिला ने कहा। "तुम्हारा यह भीतर आने का फैसला मेरे बेटे को खुशी देने के लिए बहुत कुछ मायने रखता है।"

नामरहित ने धीरे-धीरे समझा कि उसे यह हवेली के अंदर की दुनिया को समझने के लिए उस बड़ी महिला की मदद की ज़रूरत थी। वह ने बड़ी महिला के साथ बातचीत की, और उसे समझा कि भूतों की दुनिया कुछ भीतर हो सकती है।

वह ने धीरे-धीरे समझा कि उसे यह हवेली के अंदर की दुनिया को समझने के लिए उस बड़ी महिला की मदद की ज़रूरत थी। वह ने बड़ी महिला के साथ बातचीत की, और उसे समझा कि भूतों की दुनिया कुछ भीतर हो सकती है।



**भूतिया वास्तविकता - भाग २**


बड़ी महिला ने नामरहित को अपनी कहानी सुनाई।

"मेरा नाम सुमित्रा है," बड़ी महिला ने कहा, "और मेरा बेटा निखिल। हम एक समय बहुत खुश थे, हमारी जिंदगी में सब कुछ अच्छा चल रहा था। लेकिन एक दिन, हमारे साथ एक दुर्घटना हो गई। हमारे बेटे को एक गंभीर बीमारी हो गई, और हम उसे खो देने के लिए असमर्थ थे।"

वह रुक गई और अपनी आँखों में आंसू लिए।

"जब निखिल गए, तो मेरे जीने का कोई मतलब नहीं रहा। मैं उसे वापस लेने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कोई भी मेरी बात नहीं मान रहा था। उस समय से मेरी जिंदगी एक नरक बन गई।"

नामरहित ने इस कहानी को ध्यान से सुना, और उसने महसूस किया कि उसे बड़ी महिला की मदद करने की आवश्यकता है।

"मैं तुम्हें मदद कर सकता हूँ," नामरहित ने कहा, "मुझे लगता है कि हम एक साथ इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं।"

सुमित्रा ने नामरहित को ध्यानपूर्वक देखा, और उसने एक गहरा सांस लिया।

"क्या तुम सही कह रहे हो?" उसने पूछा।

"हां," नामरहित ने कहा, "लेकिन हमें मिलकर काम करना होगा।"

उन दोनों ने मिलकर काम करना शुरू किया, और धीरे-धीरे वे उस समस्या का समाधान निकालने लगे जो सुमित्रा के जीवन को उसकी स्थिति से बाहर ले जाएगा।


**भूतिया वास्तविकता - भाग ३**


नामरहित और सुमित्रा मिलकर काम करने लगे। धीरे-धीरे, उन्होंने एक नया परिवार बनाया, और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला। उन्होंने एक दूसरे को सहारा दिया और साथ में काम किया।

एक दिन, नामरहित ने सुमित्रा से पूछा, "क्या हमारी यह जिंदगी अब सही है?"

सुमित्रा ने धीरे से साँस ली और उसने उत्तर दिया, "हाँ, नामरहित। हमने मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान निकाला है, और अब हम एक नयी शुरुआत कर रहे हैं।"

नामरहित ने सुमित्रा को ध्यानपूर्वक देखा, और उसने उसकी आँखों में उत्साह और नई उम्मीद देखी। वह भी जानता था कि उन्होंने एक साथ मिलकर अपनी मुश्किलों का सामना किया है, और उसे यहाँ  ले आया।

उन दोनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा और आगे की जिंदगी के लिए तैयार हो गए। उन्होंने एक-दूसरे का साथ निभाया और एक नई शुरुआत की।



**भूतिया वास्तविकता - भाग ४**


नामरहित और सुमित्रा ने एक-दूसरे का साथ निभाया और नई जिंदगी की शुरुआत की। उन्होंने अपनी मुश्किलों से सामना किया और उन्हें पार किया। उनकी साथ-साथी और समर्थन ने उन्हें सफलता की ओर ले जाया।

वे अपने नए जीवन का आनंद लेने लगे, और उन्होंने एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियों और दुःखों को साझा किया। वे अपनी पुरानी समस्याओं को भूल गए और एक नए जीवन की शुरुआत की।

धीरे-धीरे, उन्होंने अपने पिछले जीवन को भूल गए और नए सपनों की ओर बढ़ने लगे। वे अपनी खुशियों को साझा करते और एक-दूसरे के साथ समय बिताते।

नामरहित ने अपनी जिंदगी में एक नया उत्साह और संजीवनी पाया, और वह अब खुश होकर और आत्मनिर्भर था। वह अपनी समस्याओं का सामना करते हुए अब मजबूत महसूस कर रहा था, और उसने एक नए उत्साह के साथ जीने की शुरुआत की।

वे एक-दूसरे के साथ खुश रहने लगे और अपनी जिंदगी की हर पल का आनंद लिया। उनका प्यार और समर्थन एक-दूसरे को मजबूत बनाया, और उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए मिलकर काम किया।

**The End**



भूत की कहानी - 3 

**चुड़ैल का रहस्यमय संग्रहालय**


गाँव के पास एक पुराना हवेली था। वहाँ के लोग इसे चुड़ैल के घर के रूप में जानते थे। कहते थे कि उस हवेली में एक चुड़ैल रहती है जो रात में उठक-बैठक करती है और लोगों को डराती है। लोग अपने बच्चों को कहते थे कि उन्हें उस हवेली के पास नहीं जाना चाहिए।

एक दिन, एक बहादुर लड़का नामरहित ने फैसला किया कि वह उस हवेली के अंदर जाएगा। लोगों ने उसे डराया, लेकिन वह अपने उत्साह में कमी नहीं आने दिया। उसने तय किया कि वह सच्चाई को जानने के लिए उस हवेली के अंदर जाएगा।

रात के समय, नामरहित ने हवेली के पास पहुंचा। वहाँ पर, उसने देखा कि हवेली के चारों ओर अँधेरा है। धीरे-धीरे, वह हवेली के अंदर की ओर बढ़ने लगा।

जब वह हवेली के अंदर गया, तो उसने देखा कि वहाँ पर एक विशाल संग्रहालय है। संग्रहालय में अनेक पुरानी और अजीब वस्तुएँ रखी गई हैं। वह चमकदार आभूषण, पुराने पुस्तकें, और अन्य वस्तुएँ देख रहा था।

नामरहित ने धीरे-धीरे संग्रहालय की ओर बढ़ते हुए देखा कि एक कोने में एक पुरानी संदूक रखी गई है। उसने संदूक को खोला और अंदर देखा। वहाँ पर, उसने एक और विशाल संदूक देखा, जिसमें एक रहस्यमय चाबी लगी हुई थी।

नामरहित ने धीरे-धीरे उस संदूक की चाबी को खोला और उसके अंदर देखा। वहाँ पर, उसने एक पुरानी पुस्तक और कुछ और वस्तुएँ देखीं। उसने पुस्तक को खोला और पढ़ना शुरू किया।

पु

स्तक में लिखा था कि इस संदूक में चुड़ैल के रहस्य का समाधान है। यह बताया गया था कि चुड़ैल ने अपने रहस्य को यहाँ संग्रहित किया है ताकि वह कभी भी पुराने दिनों को याद कर सके।

नामरहित ने धीरे-धीरे पुस्तक को पढ़ते हुए आगे की कहानी के बारे में जानने का प्रयास किया। उसने यह भी पढ़ा कि चुड़ैल का रहस्य इस संदूक में छिपा है, जो संग्रहालय के चारों ओर रखा गया है।



**चुड़ैल का रहस्यमय संग्रहालय - भाग २**


नामरहित ने पुस्तक को पढ़ते हुए समय बिताया और अंत में उसने एक नक्शा खोजा जिसमें संग्रहालय की सभी गुप्त रहस्यमय स्थलों की जानकारी थी।

नामरहित ने नक्शे की सहायता से वहाँ के कुछ अन्य स्थलों को भी खोज लिया और उन्हें खोला। उसने अनेक पुरानी और रहस्यमय वस्तुओं को देखा, जो उसे और भी अधिक उत्साहित कर दिया।

धीरे-धीरे, वह चुड़ैल के रहस्य के समाधान की ओर बढ़ता गया। वह संग्रहालय में एक और गुप्त संदूक खोजा, जिसमें चुड़ैल का रहस्य छिपा था।

नामरहित ने संदूक को खोला और उसके अंदर देखा। वहाँ पर, उसने एक चुड़ैल की मूर्ति और उसके साथ कुछ और चीजें देखीं। उसने ध्यान से सभी वस्तुएँ देखीं और अंत में एक चाबी मिली।

नामरहित ने चाबी को लिया और संदूक को बंद किया। फिर उसने वहाँ के बाहर की ओर बढ़ते हुए चुड़ैल के रहस्य का पता लगाने के लिए चला।

चाबी की मदद से, नामरहित ने संग्रहालय के अंदर एक गुप्त गुफा को खोला। वहाँ पर, उसने एक और संदूक देखा जिसमें चुड़ैल के अजीब रहस्य का हल छिपा था।

नामरहित ने संदूक को खोला और अंदर देखा। वहाँ पर, उसने एक पुरानी पुस्तक देखी, जिसमें चुड़ैल के सच्चे रहस्य का उल्लेख था।

**चुड़ैल का रहस्यमय संग्रहालय - भाग ३**


नामरहित ने पुरानी पुस्तक को पढ़ा और जाना कि चुड़ैल का रहस्य उसकी असली स्थिति से जुड़ा हुआ था। पुरानी किताब में लिखा था कि चुड़ैल एक प्राचीन महाराजा की पुत्री थी, जो कि अपने पिता के प्रिय रहस्य की हिफाजत करती थी।

महाराजा का रहस्य था एक चमत्कारी रत्न, जो कि संपत्ति और सफलता की गारंटी थी। चुड़ैल ने यह रत्न अपने अंदर सुरक्षित किया और उसे किसी के हाथ नहीं दिया।

पुरानी पुस्तक ने बताया कि चुड़ैल ने रत्न को एक गुप्त स्थान में छिपाया था, जो कि संग्रहालय के अंदर था। उस गुप्त स्थान को खोलने के लिए एक विशेष कोड की आवश्यकता थी, जो कि पुरानी पुस्तक में छिपा था।

नामरहित ने तुरंत पुस्तक की पन्ने उलटी की और उसे उस विशेष कोड के बारे में पढ़ा। कोड का उल्लेख तो पुरानी पुस्तक में था, लेकिन उसका अर्थ कुछ अन्य था।

नामरहित ने कोड को समझा और उसे लगाया। एक बार कोड लगाने के बाद, एक गुप्त द्वार खुल गया। नामरहित ने उस गुप्त स्थान में प्रवेश किया और देखा कि वहाँ पर चुड़ैल का रत्न रखा हुआ था।

नामरहित ने रत्न को उठाया और संग्रहालय से बाहर निकल गया। उसने चुड़ैल के रहस्य का समाधान किया और उसे स्वतंत्र कर दिया।

इस तरह, नामरहित ने चुड़ैल के रहस्य का समाधान किया और लोगों को उसके भय से मुक्ति दिलाई। वह एक वीर और साहसी योद्धा बन गया और लोगों के हीरो के रूप में माना गया।

**समाप्ति**



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