Darawni Bhoot Ki Kahani-डरावनी भूत की कहानी - सच्ची भूत की कहानिया 2023

Darawni Bhoot Ki Kahani-डरावनी भूत की कहानी -


1. दीवार पर लटकती हुई लाश 

वो एक रात थी जब रोहित अपने घर के लिए लौट रहा था। उसे काम से थोड़ी देर हो गई थी इसलिए उसे रात के अंधेरे में घर जाना पड़ रहा था। जब रोहित अपने घर के पास पहुंचा तो उसे लगा कि कुछ अजीब सा हो रहा है। उसके घर के दरवाजे से एक छिद्र दिख रहा था और बिजलियां आधी जल रही थीं।


रोहित बहुत अस्थिर महसूस कर रहा था, लेकिन वह धीरे-धीरे अंदर जा रहा था। शुरू में, कुछ अजीब नहीं दिख रहा था, लेकिन जब वह घर में चलने लगा तो उसे अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगीं। वह लगता था कि लगभग कोई ऊपर घूम रहा है।


रोहित का दिल दौड़ने लगा, वह धीरे-धीरे सीढ़ियों पर चढ़ता गया, खुद को समझाने की कोशिश करते हुए कि यह सिर्फ उसकी विचारधारा हो सकती है। लेकिन जैसे ही वह ऊपर पहुंचा, उसने एक चीज देखी जो उसकी रक्त को ठंडा कर देने वाली थी।


चारों ओर अंधेरा था लेकिन रोहित ने एक बार अपनी नजरें अच्छी तरह से ढीली की और उसने देखा कि दीवार के साथ लटकती हुई एक लाश है। वह बोल नहीं पाया। उसे पता नहीं था कि वह क्या करेगा।


उसने धीरे से लाश के पास जाकर उसे देखने की कोशिश की, लेकिन उसे थोड़ी देर बाद ही पता चला कि लाश किसी अंदरूनी कमरे से आरही थी। रोहित ने सोचा कि वह कमरे में जाकर देखेगा कि लाश कौन से इंसान की है और क्या हुआ है। वह दरवाजे की ओर बढ़ता गया और उसे लगा कि दरवाजे के कुछ अंदर लोग बैठे हैं।


रोहित का दिल दुबक गया। उसने सोचा कि वह दरवाजे को खोलकर देखेगा लेकिन उसे वह करने में डर लग रहा था। जब वह धीरे-धीरे दरवाजे के पास पहुंचा, तो उसने दरवाजे को खोल दिया।


जैसे ही दरवाजे खुले, रोहित का मुंह खुल गया। दरवाजे के पीछे एक व्यक्ति खड़ा था, जो एक लाश के साथ खेल रहा था। वह लाश की आंखों को खोल देने की कोशिश कर रहा था।


रोहित ने देखा कि वह व्यक्ति बहुत ही अजीब था। उसके आंखें लाल थीं, उसका चेहरा जमीन से कुछ इंच ऊपर उठा हुआ था और उसके मुंह से जंगली तरह की आवाजें निकल रही थीं।


रोहित का दिल दोबारा दौड़ने लगा। वह धीरे-धीरे पीछे हटता गया और फिर भागने लगा। उसने अपने घर से बाहर निकल जाने का फैसला किया।


लेकिन जैसे ही वह बाहर निकला, उसे वही व्यक्ति फिर से मिल गया। उसने देखा कि वह लाश के साथ अभी भी खेल रहा था। रोहित ने अपने घर में जाने का फैसला किया था, लेकिन वह अब उसे एक डरावनी जगह ले जा रहा था।


वह व्यक्ति रोहित के पीछे आ गया था। जब रोहित ने पलटकर देखा, तो उसने देखा कि वह व्यक्ति अब लाश के साथ नहीं था। उसने ध्यान से देखा तो उसे लगा कि वह व्यक्ति अभी भी उसके पीछे है।


रोहित का दिल धड़कने लगा। वह धीरे-धीरे लाश के पास गया और उसे देखने की कोशिश की। लेकिन वह अभी भी उसके पीछे था। रोहित ने वज्र के साथ उस पर हमला किया लेकिन वह भी उसे नहीं रोक सका।


वह व्यक्ति रोहित के सामने खड़ा हो गया। उसकी आंखें अभी भी लाल थीं और उसके मुंह से वह जंगली तरह की आवाजें निकाल रहा था। रोहित ने उसे वज्र से फिर से हमला किया लेकिन वह उसे फिर से नहीं रोक सका।


वह व्यक्ति रोहित के साथ लड़ने लगा। रोहित को लगा कि वह उससे सब कुछ छीन लेगा। उसने अपनी पूरी ताकत लगाई लेकिन वह व्यक्ति अभी भी उसे नहीं हरा सका।


अंत में, रोहित ने व्यक्ति के सिर को उसके शरीर से अलग कर दिया। वह व्यक्ति भी उसी वक्त मर गया।


रोहित को ऐसा लगता था कि उसने एक बहुत बड़ा खतरा पार किया है। उसे लगता था कि वह घर के बाहर निकल कर अपनी जान बचा लेगा। लेकिन जैसे ही वह घर के बाहर निकला, उसने एक लाश देखी जो उसकी राह में थी।


रोहित ने लाश को छूने से बचने के लिए कोशिश की, लेकिन वह उसके हाथ से निकल गई। उसने धीरे-धीरे ताकतसे अपने घर की ओर बढ़ना शुरू किया। उसे लगता था कि उसके पीछे कोई नहीं है, लेकिन जैसे ही वह अपने घर के पास पहुंचा, उसने फिर से उस व्यक्ति को देखा।


रोहित को लगता था कि वह व्यक्ति उसके पीछे आ रहा है। उसने भागने की कोशिश की लेकिन वह व्यक्ति उसे फिर से पकड़ लेता था। रोहित को लगता था कि उसे अब सब कुछ हाथ से निकल गया है।


लेकिन तभी उसे याद आया कि वह व्यक्ति उसका सपना था। वह उसकी विस्तृत अवधि के दौरान एक सपना देख रहा था और उसने उस सपने को रोका नहीं था।

रोहित को यह अनुभव याद रखने के लिए एक संदेश था। 

Moral of the Story :- 

कभी-कभी हम अपने सपनों को अपने जीवन में पूरा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इन सपनों से जुड़े हमारे संबंध भूल जाते हैं। हमें यह याद रखना चाहिए कि हमें अपने सपनों का पूरा करने के लिए हमारे संबंध बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।


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2. डरावना भोतिया सपना 


दोस्तों यह कहानी है सच्ची घटना पर आधारित क्योंकि यह घटना मेरे साथ हुई थी इसलिए आपके साथ यह भूत की कहानी आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हु। 

दोस्तों अगर आपको यह कहानी पसंद आये तो ज़रूर कमेन्ट करके हमे बताये क्यों की इस से हमे पता चलेगा की आपको हमारी भूत की कहानिया पसंद आ रही है या नहीं।  तो चलिए आपको ले चलते है 5 साल पहले पीछे। 

दोस्तों मेरा नाम श्याम है और में मुंबई शहर में रहता था पर मेरा गांव उत्तर प्रदेश में इटावाः डिस्ट्रिक्ट में था जसवंतनगर शहर था। तो में आया था अपने घर की शादी को अटेंड करने अपने गांव में। 

आपको तो पता ही है गांव में आने के बाद लोग गांव में खो जाते है। उसी तरह में भी अपने गांव में काफी सालों बाद आया था। मुझे तो बहुत अच्छा लगता है गांव में रहने को। 

तो बात है  25 नवंबर 2018 की उस रात की जब में अपने गांव में था और उस दिन में शहर गया था कुछ घर का सामन लेने के लिए। सामान लाते लाते बहुत समय बीत गया तो लेट हो गया था। जब में शहर से लौट रहा था। में अपनी साइकिल पर था अकेला और दोस्तों मुझे बहुत डर लग रहा था क्यों की सुनसान रस्ते में कोई भी चलेगा तो डर तो लगेगा ही। पर में हिम्मत करके में आ रहा था अपनी साइकिल से और आगे मरघटी के यहाँ आते ही मेरी साइकिल पंक्चर हो गयी। पता नहीं क्या हुआ अचानक ऐसा लगा किसी ने जान बूज के पंक्चर की हो।  

मुझे पहले से ही बहुत डर लग रहा था अब जब साइकिल पंक्चर हो गयी तो और फट्ट रही थी मेरी। उस दिन रात के वक्त कोई भी साइकिल को ठीक करने वाला भी नहीं था , क्यों की इतनी रात हो गयी थी और गांव जैसे जगह पर कहा इतनी रात को साइकिल ठीक करने वाला मिलेगा , फिर मेने सोचा चलो पैदल पैदल ही चलते है और में अकेले सुनसान रस्ते पर अंधरिया रात में अकेले पैदल पैदल चल रहा था। उस वक्त ज्यादा समय भी नहीं हुआ था लगभग रात के 10 बजे होंगे। 

हुआ क्या उस रात जब में मरघटी से गुजर रहा था। दोस्तों मरघटी (मतलब जहा मरे हुए इंसान को जलाया और दफनाया जाता है)। तो उसी रास्ते पर एक मरघटी पड़ती है। वही से में निकल रहा था तब मुझे एक अजीब सी आवाज़ सुनाई दी। बचाओ ! बचाओ ! की ज़ोर ज़ोर से आवाज़ आ रही थी। जब मेने पीछे मुड़ के देखा तो कोई नहीं था। मुझे लगा कोई भूत है जो चिल्ला रहा। पर आवाज़ एक लड़के की थी जो की ज़ोर ज़ोर से बचाओ ! बचाओ ! चिल्ला रहा था। एक समय तो में बहुत डर गया था। फिर मेने ये आवाज़ को नज़र अन्दाज़ करके फिर से आगे बढ़ने लगा। 

पता नहीं कहा से अचानक एक सफ़ेद कपड़ो में एक आदमी खड़ा हुआ था। जिसके मुँह और हाथ खून से लतपत हुए थे। में बहुत डर गया था उसे ऐसे इस्तिथि में देख के। में ज़ोर से चिल्लाया कौन है वहाँ तो वो मेरी ओर बड़ने लगा। फिर पता नहीं वो अचानक गायब हो गया। 
मुझे लगा ये डरावना भूत भाँग गया और में आगे चलने लगा। फिर में क्या देखता वो अचानक मेरे साइकिल की सीट पर आकर बैठ गया, और मुझे पकड़ लिया। 

मेरी डर के मारे पेशाब छूट गयी इतना डर लग रहा था मुझे आपको बता नहीं सकता शब्दो से। मुझे लगा आज तो गया में ये तो मुझे खा जायेगा। 
वो भूत बोलने लगा मुझे तुम्हारा खून पीना है और अचानक मुझे वो एक कुए के पास लेके आ गया। 

उधर उसने मुझे रस्सी से बांध दिया ज़ोर से , पर मेरे मन में एक ही चीज़ चल रही थी जो मेरी माँ ने बताया था की जब भी कभी ऐसी इस्तिथि में फस जाये तो सिर्फ भगवान श्रीः हनुमान जी का नाम लेना चाहिए। मैने फिर यही किया ज़ोर ज़ोर से हनुमान जी का नाम लिया। मेने खुद को हिम्मत दी और खुद को छोड़ने की कोसिस करने लगा। वो भूत बहुत डरावना था और फिर मुझे खाने के लिए आगे बढ़ा। 

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तभी सुबह हो गयी और मम्मी ने जगा दिया। और में खुद को देखने लगा हड़बड़ा के की कुछ हुआ तो नहीं फिर मुझे समझ आया ये तो एक सपना था। और में खुद पर हसने लगा। फिर मैने सारी बाते अपनी माँ को बताई तो वो भी ज़ोर ज़ोर से हसने लगी।  

तो दोस्तों कैसी लगी मेरी ये छोटी से भूतिया डरावनी कहानी। आशा करता हु आपको पसंद आयी होगी। 

Moral of the Story:-

हमेशा भगवान का नाम लेके सोया करो कोई भी भूत का सपना नहीं आएगा। 


3.  डरावना तालाब 


एक रात, एक सुन्दर और शांतिपूर्ण गांव में एक तालाब था। लोग इसे बड़े श्रद्धा और सम्मान के साथ देखते थे। तालाब में एक बड़ा बगुला रहता था, जो सभी लोगों के मन में भय और चकिति का विषय बनता था। कुछ लोगों के अनुसार, बगुला रात के समय ज़िंदा हो जाता था और लोगों को दरावनी आवाज़ से घबराता रहता था।

एक दिन, गांव में एक अज्ञात व्यक्ति आया और तालाब के पास रहने लगा। वह व्यक्ति हमेशा अकेला रहता था और उसे देखने से लोगों को असुरक्षित और डरावना महसूस होता था। वह व्यक्ति रात के समय अपने घर के आसपास घूमता था और सभी लोगों को डराता रहता था।

एक रात, एक व्यक्ति तालाब के पास जा रहा था जब उसे बगुले की आवाज सुनाई दी। उसे लगता था कि बगुला अपनी आवाज से उसे बुला रहा था। उसने रोक दिया और ध्यान से सुना तो उसे लगा कि बगुला उसे बुला रहा है। वह बगुले के पास जा रहा था जब अचानक बगुला उठकर उसकी तरफ देखने लगा। व्यक्ति को डर लगने लगा और उसने तुरंत भागना शुरू किया।

उस रात, तालाब के पास सभी लोग नींद में थे। लेकिन उस व्यक्ति ने तालाब के पास वाले एक घर में जगह ढूंढी और वहां रुक गया। उसका दिल धड़कने लगा और उसे लगता था कि कुछ गलत ही है। अचानक, वह एक अजीब सी आवाज सुनने लगा। आवाज तालाब से आ रही थी और उसको पुकार रही थी। वह अपने कान लगाकर सुनने लगा तो उसे लगता था कि आवाज बगुले की है।

अचानक, वह एक अजीब सी आशा महसूस करने लगा। उसे लगता था कि बगुला उससे कुछ कहना चाहता है। वह दरवाजा खोलने के लिए थोड़ा सा डरता था, लेकिन अंत में उसने दरवाजा खोल दिया।

जैसे ही दरवाजा खुला, वह एक संकेत देखा जो बगुले के पास लगा था। संकेत में लिखा था, "जो यहां आते हैं, वे कभी वापस नहीं जाते।" व्यक्ति का दिल धड़कने लगा और उसे लगा कि वह अपनी जान खतरे में डाल रहा है।

जैसे ही वह संकेत पढ़ने लगा, उसे बगुले की आवाज फिर से सुनाई दी। बगुला उससे बात कर रहा था। व्यक्ति को डर लगने लगा लेकिन उसने अपने आप को सामने रखा और बगुले की ओर बढ़ा।

बगुला उससे बात करते हुए बोला, "तुम यहां क्या कर रहे हो? तुम्हें यहां नहीं होना चाहिए।" व्यक्ति ने बगुले से पूछा, "तुम कौन हो और यहां क्यों हो?" बगुला ने उससे कहा, "मैं यहां इस तालाब का राजा हूं और जो लोग इसे नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें मैं अपनी शक्ति से सज़ा देता हूं।"

व्यक्ति ने बगुले से कहा, "मुझे जाना होगा।" बगुला ने उससे कहा, "तुम यहां से नहीं जा सकते। तुम्हें यहां ही रुकना होगा।" व्यक्ति को डर लगने लगा लेकिन उसने बगुले के सामने अपने आप को सामने रखा। बगुला ने उससे कहा, "तुम्हारे पास मेरी शक्ति नहीं है। मैं दुनिया के अंधेरे में रहता हूं। जब तक तुम यहां हो, मैं तुम्हें नहीं जाने दूँगा।"

व्यक्ति को डर लगने लगा लेकिन उसने खुद को सामने रखा और बगुले से लड़ने की तैयारी की। बगुला को देखते ही, व्यक्ति को एक अजीब सी ताकत महसूस होने लगी। वह जानता था कि बगुला उससे कुछ करवाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन वह नहीं हारा। उसने बगुले के पास जाकर उसे मारने की कोशिश की, लेकिन बगुला उसे अपनी शक्ति से रोक दिया।

व्यक्ति को बगुले की शक्ति से घबराहट महसूस होने लगी। वह डर गया था लेकिन वह नहीं हारा। उसने बगुले को मारने की कोशिश की और इस बार वह सफल रहा। बगुला मर गया था और व्यक्ति को तालाब से निकलने की मुश्किल हो गई थी। उसने तालाब के पास रहने वाले एक लोग से मदद मांगी और उसे अपने घर तक ले गए।

व्यक्ति ने अधिकतर लोगों को बताया कि कैसे उसने बगुले से लड़ा और उसे मार डाला।


Moral of the Story :-

कोशिश करने वालो की हार नहीं होती 

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